
अपार्टमेंट खरीदने से पहले ध्यान रखने योग्य ज़रूरी बातें: वास्तु के साथ पूरी गाइड
घर खरीदना सिर्फ निवेश नहीं, ज़िम्मेदारी भी है
अपार्टमेंट खरीदना जीवन का एक बड़ा निर्णय होता है। यह सिर्फ चार दीवारें लेने का मामला नहीं है, बल्कि एक ऐसी जगह चुनने का है जहाँ आप और आपका परिवार सुख-शांति और तरक्की के साथ जीवन बिताएँगे।
आजकल लोग सिर्फ लोकेशन और सुविधाएँ नहीं देखते, बल्कि घर की ऊर्जा, पॉजिटिविटी और वास्तु अनुपालन पर भी ध्यान देते हैं। माना जाता है कि वास्तु के अनुसार बने घर से स्वास्थ्य, समृद्धि, खुशहाली और तरक्की मिलती है, जबकि वास्तु दोष वाले घर परेशानी ला सकते हैं।
इस ब्लॉग में हम बताएँगे कि अपार्टमेंट खरीदने से पहले किन-किन ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे वास्तु शास्त्र इन फैसलों को और मजबूत बना सकता है।
1. लोकेशन और कनेक्टिविटी
स्कूल, हॉस्पिटल, ऑफिस और ट्रांसपोर्ट के पास का घर हमेशा सुविधाजनक और रिसेल वैल्यू वाला होता है।
अपार्टमेंट कब्रिस्तान, फैक्ट्री या हाई-टेंशन तारों के पास न लें।
वास्तु टिप्स:
उत्तर (North) या पूर्व (East) दिशा में खुला स्थान, बगीचा या पानी का स्रोत होना शुभ है।
T-जंक्शन रोड के सामने घर से बचें।
2. लीगल डॉक्यूमेंट और बिल्डर की विश्वसनीयता
RERA रजिस्ट्रेशन, लैंड ओनरशिप और नगर निगम की मंजूरी चेक करें।
बिल्डर का पिछला रिकॉर्ड देखें।
वास्तु से संबंध:
विश्वसनीय बिल्डर अक्सर घर में रोशनी, हवा और संतुलन पर ध्यान देते हैं, जो वास्तु सिद्धांतों से मेल खाता है।
3. मुख्य द्वार (एंट्रेंस)
घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है।
शुभ दिशा:
उत्तर (N3, N4 पाद): धन और अवसर लाता है।
पूर्व (E3, E4 पाद): सेहत और प्रगति देता है।
दक्षिण (S3, S4 पाद): सही डिज़ाइन हो तो प्रसिद्धि देता है।
पश्चिम (W3, W4 पाद): स्थिरता और नेटवर्किंग देता है।
⚠️ दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम प्रवेश से बचें।
4. रोशनी और वेंटिलेशन
पूर्व दिशा की खिड़कियों से सुबह की धूप मिलना शुभ है।
क्रॉस-वेंटिलेशन से घर तरोताज़ा रहता है।
वास्तु टिप्स:
उत्तर और पूर्व की ओर खुलने वाली खिड़कियाँ अच्छी मानी जाती हैं।
दक्षिण की ओर बड़ी खिड़कियाँ परेशानी ला सकती हैं।
5. अपार्टमेंट का लेआउट
लिविंग रूम: पूर्व या उत्तर-पूर्व
रसोई: दक्षिण-पूर्व (आग का कोना)
मास्टर बेडरूम: दक्षिण-पश्चिम
बच्चों का कमरा: उत्तर-पश्चिम या पूर्व
स्टडी रूम: पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम या पूर्व
⚠️ रसोई और टॉयलेट की दीवार साझा न हो।
6. फ्लोर और अपार्टमेंट नंबर
सम संख्या वाले फ्लैट नंबर शुभ माने जाते हैं।
निचली मंज़िल पर धरती तत्व का प्रभाव, ऊँची मंज़िल पर हवा तत्व का प्रभाव होता है।
7. आस-पास का वातावरण और नज़ारा
बगीचा, नदी या सूर्योदय का दृश्य सकारात्मक होता है।
कचरा, टूटे मकान या वीरान ज़मीन से बचें।
8. सोसाइटी की सुविधाएँ
जिम और क्लब हाउस पूर्व या उत्तर-पूर्व में अच्छे रहते हैं।
स्विमिंग पूल उत्तर दिशा में शुभ है।
पार्किंग दक्षिण-पश्चिम में न हो।
9. बजट और भविष्य की कीमत
EMI, लोन और मेंटेनेंस चार्ज चेक करें।
रिसेल और रेंट वैल्यू का भी अनुमान लगाएँ।
वास्तु से जुड़ाव:
उत्तर दिशा साफ और खुली हो तो निरंतर धन प्रवाह बना रहता है।
10. मन की शांति और अहसास
कभी-कभी कागज़ी बातें सही होती हैं, लेकिन घर में जाते ही अच्छा न लगे। यह संकेत है कि ऊर्जा संतुलन सही नहीं है।
वास्तु टिप्स:
जहाँ पाँचों तत्व संतुलित हों, वहाँ मन को शांति स्वतः मिलती है।
Vastu-Compliant vs Non-Vastu-Compliant Apartment: एक सरल तुलना
पैरामीटर | वास्तु अनुसार अपार्टमेंट | वास्तु दोष वाला अपार्टमेंट | रहने वालों पर असर |
---|---|---|---|
मुख्य द्वार | उत्तर/पूर्व दिशा (N3, N4, E3, E4) | दक्षिण-पश्चिम / उत्तर-पश्चिम | अवसर और तरक्की बनाम रुकावटें |
लिविंग रूम | पूर्व या उत्तर-पूर्व | दक्षिण-पश्चिम | मेल-जोल और खुशी बनाम तनाव |
रसोई | दक्षिण-पूर्व | उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम | सेहत और धन बनाम परेशानी |
मास्टर बेडरूम | दक्षिण-पश्चिम | उत्तर-पूर्व | स्थिरता बनाम अस्थिरता |
बच्चों का कमरा | पूर्व या उत्तर-पश्चिम | दक्षिण-पश्चिम | रचनात्मकता बनाम जिद्दीपन |
टॉयलेट | पश्चिम, दक्षिण या उत्तर-पश्चिम | उत्तर-पूर्व | स्वास्थ्य बनाम धन की रुकावट |
रोशनी और हवा | खिड़कियाँ उत्तर/पूर्व में | खिड़कियाँ बंद या दक्षिण में | ताजगी बनाम नकारात्मकता |
बालकनी का नज़ारा | बगीचा, जल स्रोत, सूर्योदय | कचरा, वीरान जगह | शांति बनाम उदासी |
सुविधाएँ | पूल उत्तर में, जिम पूर्व में | पार्किंग/वाटर टैंक दक्षिण-पश्चिम | प्रगति बनाम ठहराव |
ऊर्जा अनुभव | हल्की, शांत, सकारात्मक | भारी, तनावपूर्ण | सुख-शांति बनाम समस्या |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: क्या अपार्टमेंट खरीदते समय वास्तु देखना ज़रूरी है?
उत्तर: हाँ, वास्तु सेहत, समृद्धि और सुख-शांति लाता है।
Q2: अपार्टमेंट का सबसे शुभ मुख्य द्वार कौन सा है?
उत्तर: उत्तर (N3, N4) और पूर्व (E3, E4) सबसे शुभ हैं।
Q3: किन बातों से बचना चाहिए?
उत्तर:
उत्तर-पूर्व में टॉयलेट
उत्तर-पूर्व में रसोई
दक्षिण-पश्चिम में एंट्रेंस
पूर्व/उत्तर की खिड़कियाँ बंद होना
Q4: क्या ऊँची या नीची मंज़िल का असर होता है?
उत्तर: हाँ। नीची मंज़िल पर धरती तत्व स्थिरता देता है, ऊँची मंज़िल पर हवा तत्व गतिशीलता लाता है।
Q5: क्या वास्तु दोष ठीक किए जा सकते हैं?
उत्तर: हाँ, वास्तु पेंटिंग्स, प्रतीक और सही सजावट से सुधार संभव है।
निष्कर्ष
अपार्टमेंट खरीदते समय लोकेशन, बजट और सुविधाओं के साथ-साथ वास्तु सिद्धांतों का ध्यान रखें। इससे आपका घर सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का स्रोत बनेगा।
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