फ्लैट खरीदते समय किन वास्तु नियमों का ध्यान रखें?

फ्लैट खरीदते समय किन वास्तु नियमों का ध्यान रखें?

क्या आप नया फ्लैट खरीदने की सोच रहे हैं?
तो सिर्फ लोकेशन और कीमत नहीं, वास्तु शास्त्र को भी जरूर ध्यान में रखें।

मैंने पिछले 10 वर्षों में हजारों लोगों को वास्तु सलाह दी है और ये देखा है कि जिन लोगों ने फ्लैट खरीदते समय वास्तु का पालन किया, उनके जीवन में सुख-शांति, स्वास्थ्य और सफलता बढ़ी है।

इस ब्लॉग में हम बात करेंगे कि फ्लैट खरीदते समय कौन-कौन सी मुख्य वास्तु टिप्स जरूरी हैं, जैसे कि सही एंट्रेंस (N3, N4, E3, E4), किचन की दिशा, टॉयलेट की सही जगह आदि।

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🔑 क्यों जरूरी है वास्तु नियम फ्लैट खरीदते समय?

फ्लैट एक बार खरीदने के बाद उसकी दिशा या बनावट को आसानी से नहीं बदला जा सकता।
वास्तु शास्त्र हमें पांच तत्वों – जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी और आकाश – के संतुलन से घर में पॉजिटिव एनर्जी बनाए रखने में मदद करता है।


✅ फ्लैट खरीदते समय ध्यान देने योग्य मुख्य वास्तु टिप्स

1. मुख्य द्वार (Main Entrance) सही दिशा में होना चाहिए

मुख्य द्वार से ही घर में ऊर्जा का प्रवेश होता है।
सबसे शुभ द्वार होते हैं:

दिशाशुभ पद (Zones)लाभ
उत्तर (North)N3, N4धन, नौकरी के मौके
पूर्व (East)E3, E4शिक्षा, नाम, नई शुरुआत
दक्षिण (South)S3, S4आत्मविश्वास, स्थिरता
पश्चिम (West)W3, W4लाभ, नेटवर्किंग, सहयोग


🚫 इनसे बचें: दक्षिण-पश्चिम (SW), उत्तर-पश्चिम (NW), या कटे-फटे कोने।

📌 कैसे जांचें: फ्लैट के अंदर खड़े होकर, बाहर की ओर मुंह करें और कंपास से दिशा जांचें।


2. उत्तर-पूर्व (North-East) में टॉयलेट नहीं होना चाहिए

उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है। यह सबसे पवित्र और आध्यात्मिक दिशा होती है।

🚫 इस कोने में टॉयलेट होने से:

  • मानसिक तनाव होता है

  • बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है

  • धन हानि हो सकती है

✅ टॉयलेट के लिए पश्चिम या दक्षिण दिशा बेहतर होती है।


3. किचन दक्षिण-पूर्व (South-East) में होनी चाहिए

दक्षिण-पूर्व को अग्नि कोण कहा जाता है। यह किचन के लिए सबसे सही दिशा है।

✅ चूल्हा दक्षिण-पूर्व में हो और खाना बनाते समय मुख पूर्व की ओर होना चाहिए।

🚫 इन दिशाओं में किचन नहीं होनी चाहिए:

  • उत्तर-पूर्व (North-East): बीमारियाँ

  • दक्षिण-पश्चिम (South-West): लड़ाई-झगड़े

  • उत्तर (North): करियर में रुकावट


4. मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम (South-West) में होना चाहिए

यह दिशा स्थिरता और निर्णय शक्ति देती है।

✅ इस दिशा में घर के मुखिया का बेडरूम होना चाहिए।

🚫 उत्तर-पूर्व में मास्टर बेडरूम से चिंता, बेचैनी हो सकती है।


5. बालकनी या बड़ी खिड़कियाँ उत्तर या पूर्व में होनी चाहिए

✅ इन दिशाओं से सुबह की सूरज की रोशनी और ताजा हवा आती है, जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।

🚫 दक्षिण-पश्चिम दिशा में बालकनी से ऊर्जा का नुकसान हो सकता है।


6. पूजा कक्ष उत्तर-पूर्व (North-East) में होना चाहिए

यह आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा है।

✅ मंदिर इस दिशा में रखें और पूजा करते समय मुख पूर्व या उत्तर की ओर रखें।

🚫 टॉयलेट के पास, सीढ़ियों के नीचे या बेडरूम में मंदिर न बनाएं।


7. फ्लैट का आकार नियमित होना चाहिए

चौकोर या आयताकार फ्लैट सबसे अच्छे माने जाते हैं।

🚫 कटे-फटे, त्रिकोण या L-आकार के फ्लैट से नकारात्मक ऊर्जा आती है।


8. फ्लैट ज़मीन से नीचे न हो

✅ फ्लैट ग्राउंड फ्लोर या उससे ऊपर हो, और उसमें अच्छी रोशनी और हवा आती हो।

🚫 बेसमेंट या रोड लेवल से नीचे के फ्लैट में नमी, अंधेरा और ठहराव वाली ऊर्जा होती है।


📊 वास्तु फ्लैट चेकलिस्ट (तालिका)

वास्तु हिस्सासही दिशाजिनसे बचें
🏠 एंट्रेंसN3, N4, E3, E4, S3, S4, W3, W4SW, NW
🚽 टॉयलेटपश्चिम या दक्षिणउत्तर-पूर्व
🍳 किचनदक्षिण-पूर्वउत्तर-पूर्व, उत्तर
🛏️ मास्टर बेडरूमदक्षिण-पश्चिमउत्तर-पूर्व
🛕 पूजा घरउत्तर-पूर्वटॉयलेट के पास
🌞 बालकनीउत्तर या पूर्वदक्षिण-पश्चिम
🏗️ फ्लैट का आकारचौकोर या आयताकारकटे-फटे या अजीब आकार



📢 निष्कर्ष: सही दिशा, सही ऊर्जा

अगर आप चाहते हैं कि आपका नया फ्लैट सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए, तो वास्तु नियमों का ध्यान रखें।

हर फ्लैट 100% वास्तु सही नहीं हो सकता, लेकिन अगर मुख्य दिशाओं (जैसे एंट्रेंस, किचन, टॉयलेट) को सही चुन लिया जाए, तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है।


🌐 डिजिटल युग में टिप

आजकल आप कंपास ऐप की मदद से फ्लैट का नक्शा देखकर ही जान सकते हैं कि मुख्य द्वार N3, E3, S4 जैसी शुभ दिशाओं में है या नहीं।
तकनीक के साथ वास्तु का मेल, स्मार्ट फैसला लेने में मदद करता है।

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