वास्तु में 45 देवताओं की ऊर्जा को कैसे सक्रिय करें?

वास्तु में 45 देवताओं की ऊर्जा को कैसे सक्रिय करें?

45 देवता कौन हैं और क्यों महत्वपूर्ण हैं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर घर एक ऊर्जा क्षेत्र होता है, जिसे "वास्तु पुरुष मंडल" कहा जाता है। इस मंडल में 45 स्थान होते हैं, जिन पर 45 देवता शासन करते हैं।

हर देवता का अपना एक क्षेत्र और कार्य होता है:

  • कोई धन का देवता होता है (जैसे कुबेर)

  • कोई स्वास्थ्य का (जैसे अश्विनी कुमार)

  • कोई शक्ति और आत्मविश्वास का (जैसे अग्नि देव)

👉 यदि ये देवता संतुलन में हों, तो घर में सुख, समृद्धि और सफलता बनी रहती है।
👉 यदि इनमें रुकावट हो, तो जीवन में समस्याएं आती हैं।

Read this blog in english click here


🧭 45 देवताओं का क्षेत्र (दिशा अनुसार विभाजन)

दिशाप्रमुख देवताऊर्जा का कार्य
उत्तर (North)कुबेर, सोमकरियर, अवसर
पूर्व (East)इंद्र, सूर्यउन्नति, समाज में नाम
उत्तर-पूर्व (NE)ईशान, अश्विनीज्ञान, आशीर्वाद
दक्षिण-पूर्व (SE)अग्नि, शिवपैसा, रसोई
दक्षिण (South)यम, चित्रगुप्तनाम, स्वास्थ्य
दक्षिण-पश्चिम (SW)पितृ, रक्‍तसंबंध, स्थिरता
पश्चिम (West)वरुणलाभ, गोल्स की प्राप्ति
उत्तर-पश्चिम (NW)वायुपरिवर्तन, संचार
केंद्र (Brahmasthan)ब्रह्मा, विष्णुसंतुलन, शांति



🔮 क्यों जरूरी है 45 देवताओं को जाग्रत करना?

✅ मानसिक शांति और ऊर्जा का संतुलन
✅ आर्थिक और करियर ग्रोथ
✅ बीमारियों और झगड़ों से मुक्ति
✅ घर में पॉजिटिव वाइब्स


⚙️ 45 देवताओं की ऊर्जा को कैसे सक्रिय करें?

चरण 1: दिशा और देवता पहचानें

  • एक कंपास से अपने घर की दिशाएं पता करें

  • वास्तु पुरुष मंडल को अपने घर के नक्शे पर लगाएं

  • हर दिशा में कौन-सा देवता है, यह समझें


चरण 2: दोष पहचानें

  • अगर उत्तर में टॉयलेट है = धन हानि

  • ब्रह्मस्थान पर भारी सामान = मानसिक तनाव

  • आग्नेय कोण (SE) में पानी = आर्थिक संकट


चरण 3: स्थान की शुद्धि (शुद्धिकरण)

  • गौमूत्र, गूगल धूप, शंख ध्वनि से पूरे घर की शुद्धि करें

  • खासकर उस स्थान की जहां दोष है

  • मंत्र जाप करें:
    “ॐ वास्तु देवाय नमः” या “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे”


चरण 4: सही प्रतीक लगाएं (चित्र/कलाकृति/रंग)

दिशाउपाय / चित्रतत्व
उत्तरसफेद 7 घोड़े, पानी का झरनाजल
पूर्वउगता सूरज, लाल रंग की पेंटिंगवायु
दक्षिण-पूर्वमोमबत्ती, अग्नि चित्रअग्नि
दक्षिणपहाड़, लाल ऑरेंज रंगअग्नि
दक्षिण-पश्चिमकपल पेंटिंग, पीले क्रिस्टलपृथ्वी
पश्चिमगोल्डन कार, महल, तिजोरीआकाश
उत्तर-पश्चिमपतंग, पवन चित्रवायु
उत्तर-पूर्वध्यानमग्न बुद्ध, जल की कलाकृतिजल
ब्रह्मस्थानओम मंडल, पीतल का कछुआआकाश



चरण 5: रोजाना 5 मिनट की ऊर्जा एक्टिवेशन प्रार्थना

  1. पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठें

  2. एक दीपक या अगरबत्ती जलाएं

  3. कहें:
    “ॐ [दिशा का देवता] देवाय नमः, कृपया इस स्थान को ऊर्जावान बनाएं।”

  4. उस दिशा का रंग या तत्व कल्पना में भरें (जैसे उत्तर = नीला जल)



🙏 महत्वपूर्ण सुझाव

  • हर सप्ताह 1 या 2 देवता क्षेत्रों को सक्रिय करें

  • घर में साफ-सफाई और नियमित पूजा करें

  • दिशाओं में भारी वस्तुएं न रखें

  • ब्रह्मस्थान को हमेशा खुला और हल्का रखें


🚫 इन बातों से बचें

  • उत्तर-पूर्व में शौचालय ❌

  • दक्षिण-पश्चिम में शीशा ❌

  • ब्रह्मस्थान पर किचन या पिलर ❌

  • पश्चिम दिशा में कबाड़ ❌


🔚 निष्कर्ष: 45 देवताओं की ऊर्जा = दिव्य जीवन

जब आप अपने घर के 45 देवता ऊर्जा केंद्रों को सक्रिय करते हैं, तो आपका जीवन पूरी तरह बदल सकता है। यह वास्तु का चमत्कारी विज्ञान है जो ऊर्जा, भौगोलिक दिशा और आध्यात्मिक शक्ति को जोड़ता है।

"घर आपका मंदिर है, देवता आपकी शक्ति। दोनों का संतुलन ही सफलता की कुंजी है।"

Comments : (0)

Write a Comment