घर के आम वास्तु दोष और उनके असर

घर के आम वास्तु दोष और उनके असर

वास्तु दोष का मतलब है घर की बनावट या दिशाओं में हुई छोटी-छोटी गलतियाँ, जिनसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है। ऐसे दोष रहने वालों के स्वास्थ्य, रिश्तों, पैसों और मन की शांति पर बुरा असर डालते हैं। अगर हम आम वास्तु दोषों को पहचान लें, तो उनके आसान उपायों से घर में संतुलन और सुख-समृद्धि वापस लायी जा सकती है।


वास्तु दोष क्या होते हैं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार हर घर एक जीवित ऊर्जा तंत्र की तरह होता है। जब कमरे, दरवाज़े, रसोई, सीढ़ियाँ या बाथरूम गलत जगह बनते हैं तो यह वास्तु दोष कहलाते हैं।

वास्तु दोष क्यों होते हैं?

  • कमरों का गलत स्थान (जैसे ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व में बेडरूम)

  • सीढ़ी या रसोई गलत दिशा में होना

  • प्लॉट का कोना कटा या बढ़ा हुआ होना

  • मुख्य द्वार गलत दिशा में होना

  • पाँच तत्वों (जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु, आकाश) का असंतुलन


आम वास्तु दोष और उनके असर

1. मुख्य द्वार गलत दिशा में

  • दोष: दक्षिण-पश्चिम या सीधे दक्षिण दिशा में दरवाज़ा होना अशुभ माना जाता है।

  • असर: आर्थिक दिक्कतें, बीमारियाँ और बार-बार रुकावटें आती हैं।


2. उत्तर-पूर्व में बेडरूम

  • दोष: ईशान कोण ज्ञान और शांति की दिशा है, वहाँ बेडरूम रखने से ऊर्जा असंतुलित होती है।

  • असर: तनाव, मानसिक परेशानी और परिवार में झगड़े। बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।


3. रसोई उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम में

  • दोष: जहाँ जल या स्थिरता का महत्व है, वहाँ आग का तत्व रखना गलत है।

  • असर: पैसों की कमी, परिवार में झगड़े और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी।


4. उत्तर-पूर्व या घर के बीच में टॉयलेट

  • दोष: टॉयलेट गंदगी और नकारात्मकता का प्रतीक है।

  • असर: बार-बार बीमारियाँ, मानसिक तनाव और प्रगति में रुकावट।


5. उत्तर-पूर्व में सीढ़ियाँ

  • दोष: भारी संरचना ईशान कोण की हल्की ऊर्जा को दबा देती है।

  • असर: अवसरों का अभाव, बच्चों की पढ़ाई में बाधा और कानूनी समस्याएँ।


6. प्लॉट का कोना कटा या बढ़ा हुआ

  • दोष: ईशान कोण कटा हो तो समृद्धि रुक जाती है, और दक्षिण-पश्चिम बढ़ा हो तो अनावश्यक बोझ बढ़ता है।


7. पानी का स्रोत गलत जगह पर

  • दोष: दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में बोरवेल, टंकी या कुआँ।

  • असर: पैसों का नुकसान, अस्थिरता और सेहत की दिक्कतें।

  • सही जगह: उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व।


8. बिस्तर के सामने शीशा

  • दोष: सोते समय शरीर का प्रतिबिंब दिखना ऊर्जा बिगाड़ता है।

  • असर: नींद खराब, ऊर्जा की कमी और दांपत्य जीवन में तनाव।


वास्तु दोषों का असर रहने वालों पर

  • स्वास्थ्य: बार-बार बीमार होना, नींद की कमी, तनाव।

  • धन: आय रुक जाना, कर्ज़ बढ़ना, करियर में ठहराव।

  • रिश्ते: झगड़े, गलतफहमियाँ और भावनात्मक दूरी।

  • मानसिक स्थिति: चिंता, अवसाद और ध्यान की कमी।


आसान उपाय वास्तु दोष दूर करने के लिए

  1. वास्तु पेंटिंग्स लगाएँ (जैसे दक्षिण में पहाड़, उत्तर में जलप्रपात, पूर्व में सूर्योदय)।

  2. कटे हुए कोने को दर्पण से ठीक करें।

  3. उत्तर-पूर्व को हमेशा साफ़ और हल्का रखें।

  4. दिशाओं के अनुसार रंगों का प्रयोग करें (पूर्व में हरा, उत्तर में नीला, दक्षिण में लाल)।

  5. शुभ प्रतीक जैसे स्वस्तिक, ओम् या यंत्र लगाएँ।


निष्कर्ष

वास्तु दोष अंधविश्वास नहीं, बल्कि प्रकृति की ऊर्जा और घर की बनावट के असंतुलन का परिणाम हैं। कुछ दोष तो बड़े बदलाव से ही ठीक होते हैं, लेकिन ज़्यादातर को सरल उपायों से संतुलित किया जा सकता है। अगर घर में सही ऊर्जा प्रवाह हो तो स्वास्थ्य, धन और रिश्तों में स्वतः सुधार आता है।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्र.1. सबसे गंभीर वास्तु दोष कौन सा है?
उत्तर-पूर्व में टॉयलेट या सीढ़ियाँ होना सबसे नकारात्मक माना जाता है।

प्र.2. क्या बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोष दूर हो सकते हैं?
हाँ, पेंटिंग्स, रंग, दर्पण और यंत्र जैसे उपायों से कई दोष सुधारे जा सकते हैं।

प्र.3. क्या हर घर में वास्तु दोष होते हैं?
लगभग हर आधुनिक घर में थोड़े-बहुत दोष होते हैं, परन्तु छोटे उपायों से संतुलन लाया जा सकता है।

प्र.4. उपायों का असर कब दिखता है?
कुछ मामलों में तुरंत राहत मिलती है, और कुछ में असर धीरे-धीरे महीनों में दिखता है।

प्र.5. क्या वास्तु वैज्ञानिक है?
हाँ, यह ऊर्जा प्रवाह, रोशनी, हवा और प्रकृति पर आधारित है। आधुनिक वास्तुकला और पर्यावरण मनोविज्ञान भी इसी तरह की बातें कहते हैं।

                                 

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