
दक्षिण-पूर्व कोने में यह गलती कभी न करें: जरूरी वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का दक्षिण-पूर्व (South-East) कोना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अग्नि कोण (Fire Zone) भी कहा जाता है क्योंकि यह अग्नि देव (Fire God) का क्षेत्र है। यह कोना आपके घर की ऊर्जा, धन, स्वास्थ्य और रिश्तों को प्रभावित करता है।
अगर इस कोने में वास्तु दोष हो जाए तो आर्थिक परेशानियाँ, रिश्तों में तनाव और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि दक्षिण-पूर्व कोने में क्या नहीं करना चाहिए और सही उपाय क्या हैं।
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दक्षिण-पूर्व कोना क्यों महत्वपूर्ण है?
दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि तत्व का प्रतीक है और यह आपके घर की ऊर्जा को कई तरह से प्रभावित करता है:
कैश फ्लो और धन की स्थिरता – इस क्षेत्र में संतुलन होने से पैसा टिकता है और आय बढ़ती है।
रिश्तों में प्यार और गर्मजोशी – अग्नि ऊर्जा रिश्तों में प्रेम और ऊर्जा लाती है।
स्वास्थ्य और ताकत – अग्नि जीवन ऊर्जा का प्रतीक है। यहाँ वास्तु दोष होने से ब्लड प्रेशर, लीवर और पाचन से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।
आत्मविश्वास और जोश – अग्नि ऊर्जा आपके आत्मविश्वास और कामयाबी की चाह को बढ़ाती है।
दक्षिण-पूर्व कोने में क्या नहीं करना चाहिए?
1. टॉयलेट या बाथरूम न बनवाएँ
इस क्षेत्र में पानी (जल तत्व) और आग (अग्नि तत्व) का टकराव होता है।
नतीजा: पैसों की कमी, झगड़े और स्वास्थ्य समस्याएँ।
उपाय: अगर टॉयलेट पहले से बना है तो दीवार पर कॉपर सन प्लेट, वास्तु पिरामिड लगाएँ और यहाँ गर्म रोशनी रखें।
2. पानी की टंकी या फव्वारा न रखें
पानी अग्नि ऊर्जा को कमजोर करता है।
नतीजा: आर्थिक नुकसान और काम में रुकावटें।
उपाय: पानी की चीजें उत्तर (North) या उत्तर-पूर्व (North-East) में रखें और SE कोने में लाल दीपक या मोमबत्ती जलाएँ।
3. काले या नीले रंग से बचें
ये रंग जल तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।
नतीजा: आग की ऊर्जा कमजोर हो जाती है और आर्थिक व मानसिक परेशानियाँ होती हैं।
उपाय: इस क्षेत्र में लाल, नारंगी या गुलाबी रंग का उपयोग करें।
4. दर्पण (मिरर) न लगाएँ
दर्पण जल तत्व की ऊर्जा को बढ़ाता है।
नतीजा: अग्नि ऊर्जा कमजोर होती है और घर में तनाव बढ़ता है।
उपाय: दर्पण की जगह सूर्य की तस्वीर, तांबे की सजावट या दीपक रखें।
5. हरी पौधों को न रखें
हरे पौधे लकड़ी (Wood) तत्व से जुड़े होते हैं, जो आग की ऊर्जा को दबा देते हैं।
नतीजा: आत्मविश्वास कम हो सकता है और काम धीमा हो जाता है।
उपाय: पौधे पूर्व (East) या उत्तर (North) दिशा में रखें।
दक्षिण-पूर्व कोना कैसे सुधारें?
गैस स्टोव या किचन यहाँ सबसे अच्छा माना जाता है।
दीपक, मोमबत्ती या सॉल्ट लैंप रखें।
अग्नि दर्शाने वाली पेंटिंग्स (जैसे दीया, मोमबत्ती या आग की तस्वीर)।
लाल और नारंगी रंग की सजावट करें।
प्रो वास्तु टिप्स
SE कोना हमेशा रोशनीदार रखें।
दीवारों या सजावट में लाल, नारंगी और गुलाबी रंग चुनें।
तांबे या पीतल के सूर्य के प्रतीक लगाएँ।
अगर किचन यहाँ नहीं है, तो रोजाना दीपक या मोमबत्ती जलाएँ।
निष्कर्ष
दक्षिण-पूर्व दिशा धन, आत्मविश्वास और रिश्तों की ऊर्जा का केंद्र है। यहाँ पानी, टॉयलेट, दर्पण या पौधे न रखें। इसके बजाय अग्नि तत्व वाली चीजें जैसे दीपक, तांबे की वस्तुएँ और लाल रंग का उपयोग करें। सही वास्तु उपायों से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।
(FAQs)
प्र.1. दक्षिण-पूर्व कोने में क्या नहीं रखना चाहिए?
टॉयलेट, पानी की टंकी, दर्पण, काले-नीले रंग की चीजें और पौधे यहाँ न रखें।
प्र.2. दक्षिण-पूर्व दिशा के लिए कौन सा रंग अच्छा है?
लाल, नारंगी और गुलाबी रंग।
प्र.3. अगर SE में टॉयलेट है तो क्या उपाय करें?
कॉपर सन प्लेट लगाएँ, दीपक जलाएँ और गर्म रोशनी रखें।
प्र.4. क्या मंदिर SE में बना सकते हैं?
नहीं, मंदिर उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
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